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लेखक:

डॉ. नीलम जैन

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी.।

यूरोप, अमेरिका आदि विश्व के अनेक देशों की साहित्यिक यात्राएँ। स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका की विजिटिंग स्कॉलर। जैन दर्शन एवं रामकथा विशेषज्ञ के रूप में अनेक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में ससम्मान आमन्त्रित। देश-विदेश की शताधिक संगोष्ठियों में सहभागिता।

पुरस्कृत पुस्तकें : प्राकृत भाषा में राम कथा, सराक क्षेत्र, समाज निर्माण में महिलाओं का योगदान, माटी का सौरभ, क्रान्ति वीर : कुँवर सिंह, जैन लोक साहित्य में नारी, संस्कृति एवं सभ्यता के उन्‍नायक ऋषभदेव, विदुषी विद्योत्तमा, जैन रिलिजन एंड साइंस, दिसम्बर के दिगम्बर, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तीर्थंकर महावीर, मूक मारी में कला और विज्ञान, तम्बाकू : जहर ही जहर, शाकाहार : एक जीवन पद्धति, विश्वविद्यालयों में साहित्य पर शोध पाठ्यक्रमों में रचनाएँ। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में 100 से भी अधिक रचनाएँ प्रकाशित। 53 पुस्तकों की प्रस्तावना लेखक जैन दर्शन सार (तीन भाग) का सम्पादन। 12 पुस्तकें प्रकाशित 1 अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का सम्पादन।

प्रतिष्ठित पुरस्कार : आचार्य विद्यासागर अवार्ड, जॉर्ज बर्नार्ड शा मेमोरियल ऑनर, महावीर पुरस्कार, स्वयंभू पुरस्कार, गोल्डन जुबली फाउण्डेशन पत्रकारिता पुरस्कार, आचार्य हस्तीमल शाकाहार पुरस्कार, आर्यिका रतन रतन पुरस्कार, साहू श्रीमती रमा जैन महिला प्रतिभा पुरस्कार, गुरु आशीष पुरस्कार, ऋषभांचल पुरस्कार, गोमटेश विद्यापीठ पुरस्कार, वाग्मिता पुरस्कार, श्रुत संवर्धन पुरस्कार, गिरनार गौरव पुरस्कार आदि 28 पुरस्कार।

उपाधि : जैन-ज्योत्सना, श्रुतश्री, वाणी-गौरव, अक्षर-साधिका, महिला-रत्न, नारी-गौरव आदि अनेक उपाधियाँ। 1000 से अधिक मंचों पर सम्मान। टीवी पर अनेक वार्ताएँ। विधानसभा राजभवन में जैन कार्यक्रम संयोजन। 50 से अधिक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों में प्रस्तावना लेखन। अन्तर्राष्ट्रीय जनर्लस में शोधपत्र प्रकाशित। शुभचिन्तक फाउंडेशन ट्रस्ट की अध्यक्ष। अनेक साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं के केन्द्रीय पदों पर आसीन। श्री देशना पत्रिका की सम्पादक।

सम्पर्क : 21, शास्त्रीनगर, सहारनपुर (उ.प्र.)

प्राकृत भाषा में रामकथा

डॉ. नीलम जैन

मूल्य: Rs. 695

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